इंटरमिटेंट फास्टिंग (अंतर्कालीन उपवास)
अंतर्कालीन उपवास सदियों से पूरे संसार में भर में सभी मानव जाति के द्वारा अपनाया गया शारीरिक और मानसिक पुनर्निर्माण या समीक्षा या नवीनीकरण का एक सुंदर तरीका है।
जिसमें लोग कुछेक समय तक स्वेच्छा से उपवास का पालन किया जाता है।इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) शरीर को एक निश्चित समय तक भोजन ना दे करके मेटाबोलिज़्म (metabolism) को उत्तेजित करना और वजन घटाने में मदद करना है। पिछले कुछ वर्षों में, इंटरमिटेंट फास्टिंग को एक प्रभावी और लोकप्रिय वजन घटाने के तरीके के रूप में देखा जा रहा है।
इसमें उपवास की अवधि और खाने की अवधि के बीच संतुलन बना के रखा जाता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार:-
इंटरमिटेंट फास्टिंग करने के मुख्यतः दो ही प्रकार प्रचलित हैं:-
1. :रोजान उपवास :- यह सबसे सामान्य और प्रभावी प्रकार है। इसमें 12 घंटे का उपवास और 12 घंटे का खाने का समय होता है। उदाहरण के तौर पर, आप सुबह 8 बजे से लेकर शाम 8 बजे तक भोजन कर सकते हैं और बाकी 12 घंटे केवल पानी या बिना कैलोरी वाला (ज्यूस)पेय पदार्थों का सेवन कर सकते हैं।
2. :साप्ताहिक उपवास :-इस पद्धति में, सप्ताह में 6 दिन सामान्य भोजन किया जाता है, जबकि 1दिन का उपवास होता हैं। उपवास के दिनों में, आप केवल 500-600 कैलोरी का सेवन कर सकते हैं। इस विधि में कैलोरी की कमी से वजन घटाने में मदद मिलती है।
(कामकाजी लोगों के लिए सप्ताह में 1 या 2 बार 24 घंटे का उपवास रखा जाता है। उदाहरण के लिए, आप एक दिन रात 7 बजे भोजन करते हैं और अगले दिन रात 7 बजे तक कोई भोजन नहीं करते। यह एक लंबा उपवास होता है, जो शरीर को भोजन के बिना लंबे समय तक रहने की चुनौती देता है।)
*** इंटरमिटेंट फास्टिंग (अंतर्कालीन उपवास)के प्रभावकारी फायदे***
इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, जिनमें से कुछ मुख्यतः इस प्रकार हैं:-
1. **वजन घटाना या फिट रहने के लिए**:- इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन घटाने में एक प्रभावी तरीका है। यह शरीर को अधिक समय तक उपवास में रहने का अवसर देता है, जिससे शरीर संग्रहीत फैट को ऊर्जा के रूप में उपयोग करता है। इसके अलावा, यह मेटाबोलिज़्म को तेज करता है और कैलोरी की कमी उत्पन्न करता है, जो वजन घटाने में सहायक होता है और भी शोधों से पता चला है कि दिनभर में 10 से 16 घंटे का उपवास रखने पर शरीर में जमा हुआ हमारा फैट का ईंधन के रूप में इस्तेमाल शुरू हो जाता है व इस प्रक्रिया में कीटोन बॉडीज नामक पदार्थ रक्त में प्रवाहित होने लगता है।
2. **मेटाबोलिज़्म में सुधार के लिए**:- उपवास के दौरान, शरीर में इंसुलिन का स्तर कम होता है, जिससे शरीर आसानी से फैट को जलाता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग से मेटाबोलिज़्म तेज हो सकता है और शरीर अधिक प्रभावी तरीके से कैलोरी जलाता है।
3. **हृदय को स्वास्थ्य रखने में**:- इंटरमिटेंट फास्टिंग हृदय स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। यह रक्तचाप (blood pressure), रक्त शर्करा (blood sugar), कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) और ट्राइग्लिसराइड्स (triglycerides) को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, जो हृदय रोगों के जोखिम को कम कर सकते हैं।L
4. **लम्बी- उम्र के लिए**:- बरसों के शोध के अनुसार, उपवास से शरीर की कोशिकाएं नवीनीकरण और मरम्मत प्रक्रिया में तेजी से काम करती हैं, जिससे जीवनकाल बढ़ने की संभावना हो सकती है। यह कोशिकाओं में 'ऑटोफैगी' (autophagy) प्रक्रिया को उत्तेजित करता है, जिसमें पुरानी और खराब कोशिकाएं नष्ट होती हैं और नई कोशिकाओं का निर्माण होता है।
5. **मानसिक स्वास्थ्य पर भी असरदार**:- इंटरमिटेंट फास्टिंग से मस्तिष्क में भी सुधार हो सकता है। यह मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमिटर्स (neurotransmitters) के स्तर को बढ़ा सकता है और मानसिक स्पष्टता, ध्यान और स्मृति में सुधार कर सकता है। इसके अलावा, यह न्यूरोलॉजिकल बीमारियों जैसे अल्जाइमर और पार्किंसंस रोग के जोखिम को भी कम कर सकता है।
6. **डायबिटीज,हृदयरोग और कैंसर से बचाव** :-
अंतर्कालीन उपवास के फायदों में सबसे बड़ा फायदा यह है कि आजकल के भागदौड़ भरी जीवन-शैली के बीच हमें अपने स्वास्थ के प्रति नहीं सोच पाते हैं जिससे हमारे शरीर में डायबिटीज, हृदयरोग और कैंसर सेल्स जैसे घातक बीमारियों का घर बनाने लगता है और इन्हीं खतरनाक बीमारियों को शरीर में ही खत्म कने में इंटिमिटेंट फास्टिंग मददगार साबित होती है।
***इंटरमिटेंट फास्टिंग के संभावित नुकसान***
इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई फायदे हैं, लेकिन इसके कुछेक नुकसान भी हो सकते हैं जो कि इस प्रकार हैं:-
1. **भोजन की कमी से थकान**:- लंबे समय तक भोजन न करने से थकान, चिड़चिड़ापन हो सकती है। कुछ लोगों को उपवास के दौरान सिरदर्द या मूड स्विंग्स का सामना भी करना पड़ सकता है।
2. **गर्भवती महिलाओं,दूध पिलानेवाली मां और छोटे बच्चों के लिए जोखिम**:- वो महिला जो गर्भवती है या कमजोर है और बच्चों को भी इंटरमिटेंट फास्टिंग अंतर्कालीन उपवास से बचना चाहिए, क्योंकि उनका शरीर विकास और पोषण की आवश्यकता की पूर्ति के लिए नियमित रूप से भोजन प्राप्त करता है।
3. **भूख का अत्यधिक तीव्र इच्छा होना**:- कुछेक लोगों को उपवास के दौरान अत्यधिक भूख महसूस करते हैं, तो यह मानसिक और शारीरिक असुविधा पैदा कर सकता है।
4. **पाचन समस्याएं**:- जब भी आप अंतर्कालीन उपवास शुरू करने की सोचते हैं तो आप इसकी शुरुआत pvmf के साथ शुरू करना चाहिए नहीं तो पाचन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
** इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान खाने का सही तरीका**
इंटरमिटेंट फास्टिंग करते समय, यह महत्वपूर्ण है कि आप स्वस्थ और पौष्टिक भोजन करें ही साथ ही साथ ही साथ PVMF का भी ध्यान रखें और उनको अपने भोजन में शामिल करें।(प्रोटीन+विटामिन+मिनरल्स +फाइबर)
(किसी भी प्रकार के नाश्ते के बजाय अगर PVMF नाश्ता लेना सबसे उपयुक्त रहेगा)
1. **प्राकृतिक और ताजे खाद्य पदार्थों का सेवन करें**: -सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज, नट्स, बीज, और प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें। यह आपको लंबे समय तक ताजगी और ऊर्जा प्रदान करेंगे।
2. **जल का सेवन अधिक करें**:- उपवास के दौरान शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है। पानी, हर्बल चाय या ब्लैक कॉफी जैसे पेय पदार्थों का सेवन करें।
3. **पोषक तत्वों का हमेशा ध्यान रखें**:- अपने आहार में सभी आवश्यक पोषक तत्वों (जैसे प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, और मिनरल्स) का ध्यान रखें ताकि शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिल सके।
** निष्कर्ष **
अंतर्कालीन उपवास एक प्रभावी और उपयोगी आहार करने का तरीका हो सकता है, जो वजन घटाने, मेटाबोलिज़्म सुधारने, और स्वास्थ्य लाभ में मदद करता है। हालांकि, इसे अपनाने से पहले किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ या डायटिशियन , न्यूट्रीशनकाउंसलर से सलाह लेना जरूरी है, खासकर यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है। यदि सही तरीके से किया जाए, तो यह एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका हो सकता है स्वस्थ जीवन जीने का।और एक बात पे ज्यादा ध्यान दें कि खाना खाने के दौरान हमें पर्याप्त मात्रा में उच्च प्रोटीन लेना चाहिए यकीन हमारी मसल्स की हानि न हो।
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